मेरे देश का सैनिक
देश आज युद्ध के घेरे में है, किस्मत वाले हैं हम, क्यूं कि, हम फिर भी सुरक्षा के पहरे में हैं। खड़ा है मेरे देश के, चप्पे-चप्पे पर, अत्याधुनिक हथियारों से लैस, मेरे देश का सैनिक सीमाओं पर। जान हथेली पर है उसकी, न जाने कौन सा पल आखिरी हो, बूढ़े मां-बाप,भाई और बहन, और वो,जिसे विवाह कर लाया था, अभी पिछले दिसम्बर में। सब हैं उसके ज़हन में, लेकिन, सारे फ़र्ज़ भूला कर के, उसे देश का फ़र्ज़ निभाना है। देश मेरा सर्वोपरि है , पहले उसका क़र्ज़ चुकाना है। देश की रक्षा में खड़ा सैनिक, मातृभूमि का रक्षक है। मेरा सैनिक चौकस खड़ा सीमाओं पर, विश्वास है ये बच्चे -बच्चे को , सो जाते हैं हम अपने घरों में चैन से, क्यों कि सैनिक खड़ा है सीमाओं पर। रहे सलामत मेरे देश का हर सैनिक, शामिल कर लो उसे दुआओं में, है अपनी मां की आंख का तारा वो, इंतजार उसका करतीं हैं वो सूनी आंखें, जिसे विवाह कर लाया था पिछले दिसम्बर में। सकुशल लौट कर जाएं अपने घर को, मेरे देश का सैनिक हे ईश्वर, मेरी इतनी दुआ कुबूल करो। मैं जिस की वजह से सुरक्षित हूं, अब उसकी रक्षा आप करो। कंचन चौहान, बीकानेर