सफलता का मंत्र

दुनिया में है कितने तारे, अपने पथ पर अग्रसर सारे,
देखा नहीं देखा यह तुम जानो, लेकिन बस इतना तुम मानो।
जिस दिन सूरज बन जाएंगे, अपने आप नजर आएंगे।
कितने टूटे जीवन पथ पर, कितने मंजिल को पाते हैं।
लगातार मेहनत जो करते, वही सफल हो जाते हैं।
सरल, सहूलियत को छोड़े, संघर्षों से नाता जोड़े।
बाधाओं की दीवारें तोड़े ,आगे जो कदम बढ़ाना जाने ,
उनको कोई रोक ना पाये, शिखर भी अपना शीश झुकाए।
तब दुनिया पलकों पर बिठाए, जग में वो अपना नाम कमाए।
सफलता का यह मूल मंत्र है,इसे जीवन में अपनाएं।
लम्बा भले सफर है लेकिन, मेहनत अक्सर अपना रंग लाए।
यह मंत्र जो समझ पाएंगे, वो अवश्य सूरज बन जाएंगे।
बुलंदियों के शिखर को छू कर, अपनी मंजिल को पाएंगे।
सूरज इक दिन वो बन जाएंगे, अपने आप नजर आएंगे।

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