जीत कभी उपहार नहीं होती

जीत कभी उपहार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,
लेकिन ये सच है, जीत कभी उपहार नहीं होती।
संघर्षों की ये कहानी, कभी आसान नहीं होती,
ये सच है, जीत कभी उपहार नहीं होती।
मुश्किल भी बहुत आती है ,दिल भी टूटा करता है,
मन सो-सो आंसू रोता है, फिर भी चेहरा मुस्काता है ।
लोगों की बातों के जब बाण चुभा करते हैं,
मन घायल हो जाता है, फिर खुद को समझाता है
आशा के दीप जलाकर, खुद ही आगे बढ़ता है।
घायल मन जब फिर से हिम्मत करता है,
सागर भी रस्ता देता, अंबर भी झुका करता है।
गिर कर उठना,उठ कर गिरना और फिर से हिम्मत करना,
संघर्षों का ये दौर, बड़ा ही कठिन होता है
लेकिन फिर भी ये सच है, मेहनत रंग लाती है।
कोशिश व्यर्थ नहीं जाती,जब लक्ष्य हो मंजिल का
मुश्किल भी घुटने टेके, जब निश्चित हो नहीं झुकना ,
इतना याद सदा रखना,बस नहीं रूकना, नहीं रूकना
जीत सभी को मिलती है कोशिश बेकार नहीं होती ,
लेकिन ये सच है जीत कभी उपहार नहीं होती,
संघर्षों की ये कहानी, कभी आसान नहीं होती।
फिर भी ये सच है, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,
लेकिन ये सच है,जीत कभी उपहार नहीं होती।
कंचन चौहान, बीकानेर 

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