पैसे की ताकत
पैसे की ताकत
बदलते मौसम की तरह इंसान बदल जाते हैं।
जरूरत के मुताबिक ईमान बदल जाते हैं।
जिन के बिना उगता नहीं था सूरज,
उनका भी अहसास बदल जाता है।
कुछ लोग यहां ऐसे हैं, पैसे की कद्र करते हैं,
बिन पैसे लोगों के, व्यवहार बदल जाते हैं।
दिखावे की है दुनिया, ये लोग जता देते हैं,
बिन पैसे ये रिश्तों की औकात बता देते हैं।
जब पैसा हो पाॅकेट में, अंदाज बदल जाते हैं,
अपनों की छोड़ो, औरों के भी व्यवहार बदल जाते हैं।
पैसे की ये ताकत कभी समझ नहीं आती,
जिन के पास है दौलत,वो दान नहीं करते हैं,
जरूरत पड़ने पर कभी काम नहीं करते हैं,
फिर भी क्यों रिश्ते उनको सिर आंखों पर रखते हैं।
कुछ लोग यहां ऐसे हैं जो दिल से अमीर होते हैं,
जो पैसे की ताकत से, कभी नहीं झुकते हैं ,
फिर भी रिश्ते उनको, पैसे से आंका करते हैं।
माना है पैसा बहुत कुछ, पर सब कुछ नहीं हो सकता,
चैन मोल नहीं है बिकता,ना सांस कहीं बिकती है,
जीवन नहीं वो वस्तु,जो बाजारों में मिलती है।
बस पैसे की ये माया, सुख - सुविधा ही देती है ,
रिश्तों की ये सबको औकात बता देती है ।
दुनिया रंगी हुई है बस पैसे के ही रंग में,
बिन पैसे ये सब की औकात बता देती है।
है पैसे में वो ताकत,जो दुनिया बदल देती है,
बिन पैसे लोगों के व्यवहार बदल देती है
कंचन चौहान, बीकानेर
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