शिक्षित तभी कहलाएंगे

          शिक्षित तभी कहलाएंगे 
शिक्षित होने से क्या होगा,समय का जो सदुपयोग न किया। 
कैसे उन्नत हो पाएंगे, पर निंदा में समय अगर बर्बाद किया।
नेताओं की चर्चा से, कुछ ना  हमें हासिल होगा,
अपनी उन्नति पर हमको,अपना ध्यान लगाना होगा।
 शिक्षित तभी कहलायेंगे, मानवता को अगर अपनाएंगे।
लोगों की आलोचना से, कुछ ना हमें हासिल होगा।
जीवन को सुगम और सरल बनाकर, उन्नत जब हो जाएंगे।
जीवन को एक  मकसद देकर, लक्ष्य को जब हम पाएंगे।
शिक्षित तभी कहलायेंगे जब जीवन को सफल बनाएंगे।
अपने साथ,देश का हित भी जब हम सोचेंगे,
सुविधा और सुव्यवस्था में जब हिस्सेदारी निभायेंगे,
असुविधाओं का राग छोड़कर जिम्मेदारी उठाएंगे,
शिक्षित तभी कहलायेंगे, जब कर्तव्यों को पूरा निभाएंगे।
कंचन चौहान, बीकानेर 

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